Jul 26, 2024, 02:08 PM IST
खूब चाव से खाते हैं भंडारे का भोजन तो जान लें प्रेमानंद महाराज की ये बात
Aman Maheshwari
कई लोग मंदिरों में धर्म के नाम पर भंडारे का आयोजन करते हैं. इस समय सावन चल रहा है इस महीने में खूब भंडारे होते हैं.
भंडारे में लोग बड़े ही चाव से भोजन करते हैं. लेकिन फ्री का भंडारा खाने के बारे में प्रेमानंद महाराज के क्या विचार है आप इस बारे में जानते हैं.
वह कहते हैं कि, भंडारा उन लोगों के लिए होता है जो भोजन करने में सक्षम नहीं हैं. अगर आप खुद से भोजन कर सकते हैं तो भंडारा नहीं खाना चाहिए.
अगर आप सक्षम होकर भंडारा खाते हैं तो निर्धन और गरीब का हिस्सा मारते हैं. ऐसा करने से सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं.
अगर आप भंडारा ले रहे हैं तो इसे थोड़ा सा प्रसाद की तरह ग्रहण करें. पेट भरकर न खाएं.
आप चाहे तो भंडारे में धन का सहयोग भी कर सकते हैं. अगर आप तीर्थ यात्रा पर जाकर भंडारा खाते हैं तो इसका पुण्य दूसरे व्यक्ति को मिलेगा.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं इंसान भले ही नमक रोटी खा ले या उपवास कर लें. लेकिन उसे मुफ्त का भोजन नहीं करना चाहिए.
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