Jun 4, 2024, 03:46 PM IST

इंसान के कर्म ही बनते हैं दुख का कारण, जानें क्या कहते हैं Premanand Maharaj?

Aman Maheshwari

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचन के दौरान भक्तों के सभी सवालों का जबाव देते हैं. वह लोगों को धर्म से जुड़ी बातों के बारे में बताते हैं.

प्रेमानंद महाराज ने इंसान के दुखो के बारे में बताया है. इंसान के दुखों का कारण कर्म होता है. न कि कोई इंसान उसके दुख का कारण होता है.

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, लोग सोचते हैं कि उस व्यक्ति ने मुझे जीवनभर दुख दिया है. लेकिन ऐसा नहीं है.

इंसान के खुद के कर्मों में उससे दुख दिलवाया है. ऐसे में उस बेचारे को दोष नहीं देना चाहिए.

हमारे कर्म ही हैं जो दुखों का कारण बनते हैं. लोग संतों के पास जाते हैं. इसका अर्थ है कि आपके अंदर आस्तिकता है.

आप संतों के पास या मंदिर में जाते हैं यानी भगवान पर विश्वास है. ऐसे में आपको प्रभु का नाम जप करना चाहिए और भगवान का आश्रय लेना चाहिए.

भगवान का नाम जपना और उनके आश्रय में जाना वो दो बातें हैं जो कभी भी तुम्हें फेल नहीं होने देंगी. आपको प्रेमानंद जी महाराज की इस बात को मानना चाहिए.