Jan 19, 2024, 04:37 PM IST

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद ऐसे पूजे जाएंगे रामलला

Kuldeep Panwar

राम मंदिर के 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. रामलला की मूर्ति गर्भगृह में पहुंच गई है, जिसे समारोह में स्थापित किया जाएगा.

राम मंदिर में पूजा-पाठ किस तरीके से होगा, इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने जी मीडिया से पूरी पूजा विधि शेयर की है.

आचार्य सतेंद्र दास ने बताया कि रामलला की मूर्ति अभी गर्भगृह में यथास्थान से दूर परिसर में है. मूर्ति को चबूतरे पर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन स्थापित किया जाएगा.

आचार्य सतेंद्र दास ने बताया है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद नवीन विधि से पूजन किया जाएगा. विशेष पूजन की नवीन विधि की सूची श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने सौंप दी है.

आचार्य सतेंद्र दास के मुताबिक, रामलला की पूजा के लिए रामानंदी सम्प्रदाय की विधि अपनाई जाएगी. बता दें कि यही विधि अयोध्या के अधिकतर मंदिरों में अपनाई जाती है.

रामानंदी परंपरा में रामलला के पूजन में बालक की तरह लालन-पालन, खान-पान और पसंद का ध्यान रखा जाता है. इसी कारण यह अलग होती है.

आचार्य ने बताया कि रामलला की रोजाना पांच वक्त की विशेष आरती होगी. साथ ही रोजाना रामलला की वस्त्र भी बदलकर उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाएंगे.

आचार्य के मुताबिक, रोजाना रामलला की प्रथम और अंतिम आरती पर विशेष सूट का प्रयोग होगा. श्रद्धालुओं को प्रसाद ट्रस्ट की तरफ से दिया जाएगा.

राम मंदिर में पूजन के नियम-कायदों की एक पुस्तक भी तैयार की गई है. इसके मुताबिक, श्रीराम के बाल स्वरूप को रोजाना शयन से उठाकर चंदन और शहद से स्नान कराया जाएगा.

रामलला दोपहर में विश्राम करेंगे और शाम को उनकी भोग आरती होगी. रात्रि शयन तक कुल 16 मंत्रों से रोजाना का पूजन पूरा किया जाएगा. अभी रामलला की अस्थायी मंदिर में भी ऐसी ही पूजा होती है.

रामलला को दिन में चार बार भोग लगाया जाएगा. भोग प्रसाद राम मंदिर की रसोई में ही बनेंगे, जो दिन और समय के हिसाब से अलग-अलग होंगे.

रामलला को सुबह मिठाई का बालभोग चढ़ाया जाएगा. दोपहर में दाल, चावल, सब्जी, रायता, सलाद और खीर का राजभोग लगेगा. शाम को मिठाई और रात में पूरे भोजन से भोग लगेगा.

रामलला के दर्शन सुबह 6.30 बजे से शुरू होंगे और शाम को 7.30 बजे तक ही श्रद्धालु अपने आराध्य के बाल रूप को देख पाएंगे. रात 8.30 बजे रामलला शयन के लिए चले जाएंगे.