Jan 21, 2024, 04:40 PM IST

क्यों होती है प्राण प्रतिष्ठा? जानें धार्मिक महत्व

Abhay Sharma

कल यानी 22 जनवरी 2024, सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का एक भव्य और पवित्र कार्यक्रम होने जा रहा है, जिसे लेकर रामभक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है.  

बता दें कि हिंदू धर्म में किसी भी मंदिर में की जाने वाली भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत बड़ा महत्व होता है. ऐसे में बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि प्राण प्रतिष्ठा होती क्या है और इसका धार्मिक महत्व क्या है?

दरअसल, घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के समय प्रतिमा रूप को जीवित करने की विधि को ही प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है. यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसके जरिए देवी-देवताओं की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया जाता है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा एक पवित्र अनुष्ठान है, जो मूर्ति में देवता या देवी का आह्वान कर उसे पवित्र या दिव्य बनाने के लिए किया जाता है. 

बता दें कि प्राण' शब्द का अर्थ है जीवन जबकि प्रतिष्ठा का अर्थ है 'स्थापना. ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ 'प्राण शक्ति की स्थापना' या 'देवता को जीवंत स्थापित करना'  होता है. 

  प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया का उल्लेख मस्त्य पुराण, वामन पुराण, नारद पुराण आदि में  मिलता है. ऐसे में जब भी प्राण स्थापना होती है तो उस प्रक्रिया के साथ मंत्रों का जाप,अनुष्ठान और अन्य धार्मिक प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं. 

इसके अलावा किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए कई रीति-रिवाजों का पालन करना पड़ता है और  धर्माचार्यों के अनुसार, इसमें शामिल चरणों की संख्या समारोह की भव्यता और दिव्यता पर निर्भर करती है.