Mar 7, 2024, 05:10 PM IST
हनुमानजी ने नष्ट नहीं की थी रावण की लंका!
Anurag Anveshi
कहते हैं कि आग में सोना नहीं जलता है, बल्कि वह तपकर कुंदन हो जाता है यानी और चमकदार हो जाता है.
तो फिर रावण की सोने की लंका आखिर जलकर कैसे खाक हो गई, यह सवाल सहज ही मन में उठ सकता है.
तो फिर इसके पीछे की कहानी आज हम आपको सुनाते हैं. जब माता सीता की खोज में हनुमानजी लंका पहुंचे.
हनुमानजी को भूख लगी थी. माता सीता से आज्ञा लेकर उन्होंने अशोक वाटिका से फल तोड़कर खाना शुरू कर दिया.
यह देखकर रावण के सैनिकों ने हनुमानजी को बंदी बना लिया और उन्हें रावण के सामने पेश किया.
हनुमानजी ने रावण के सामने अपनी पूंछ से ऐसा सिंहासन तैयार किया जो रावण के सिंहासन से भी ऊंचा था.
रावण के आदेश पर हनुमानजी की पूंछ में आग लगा दी गई. इसी पूंछ की आग से उन्होंने लंका को जलाना शुरू कर दिया.
लोक मान्यता है कि इस समय रावण ने शनिदेव को लंका में कैद कर रखा था. हनुमानजी ने उन्हें कैद से छुड़ा लिया.
सोने की लंका आग में और दमकने लगी. तब हनुमानजी के आग्रह पर शनिदेव ने दृष्टि डाल लंका को खाक कर डाला.
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