Mar 25, 2024, 08:07 AM IST

लंका में 435 दिन ही क्यों रही थी माता सीता, रावण के वध से जुड़ी है ये वजह

Nitin Sharma

त्रेतायुग में जन्में भगवान श्रीराम और माता सीता पर रामायण लिखी गई हैं. इसमें उनके जीवन में घटी घटनाओं को बताया गया है.

रामायण में कई ऐसे रहस्य भी हैं, जो पहेली बने हुए हैं. वहीं कई तथ्य अपने आप में बड़ा रहस्य बनाएं हुए हैं.

माता सीता का हरण करने वाला रावण भगवान श्रीराम के हाथों युद्ध में मारा गया. उसने 435 दिनों तक माता सीता को अपनी कैद में रखा.

माता सीता का हरण करने वाला रावण भगवान श्रीराम के हाथों युद्ध में मारा गया. उसने 435 दिनों तक माता सीता को अपनी कैद में रखा.

लेकिन क्या आपको पता है कि माता सीता 435 दिनों तक ही क्यों रावण की लंका में रही. आइए जानते हैं इसका रहस्य.

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, माता सीता के लंका में बिताये गए दिनों के पीछे गहरा रहस्य है जो वाल्मीकि रामायण में भी वर्णित है.

माता सीता के लंका में बिताये 435 दिनों के भीतर रावण के विनाश का रहस्य छिपा है. 

435 की संख्या में 4 का अर्थ चतुर्भुज और 3 त्रिलोकी ऊर्जा बताता है. वहीं अंक 5 पंच तत्व और पंच महा भूतों का वर्णन दर्शाता है. 

रामायण के अनुसार इन तीनों अंकों के मिलने से ही रावण का वध संभव हुआ. यहां 4 यानी चतुर्भुज का अर्थ भगवान विष्णु के सांतवे अवतार प्रभु श्री राम से है. 

3 यानी त्रिलोकी का अर्थ तीनों लोकों के स्वामी और अधिपत्य रखने वाले से है. वहीं 5 का अर्थ पंच तत्व एवं पंच महा भूत से है, जिसक अर्थ मानव शरीर के निर्माण से है. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन सभी नंबरों से मिलने वाला अर्थ बताता है कि रावण का अंत भगवान श्रीराम के हाथों ही होना था और वध के बाद उसे पंच तत्वों में विलीन होना था.