Jun 25, 2024, 06:55 PM IST

इस वरदान से माता सीता की सुंदरता वनवास में भी नहीं हुई कम

Smita Mugdha

माता सीता और प्रभु श्रीराम वनवास के कठिन सालों में भी एक-दूसरे के साथ रहे और दोनों का दैवीय रूप कायम रहा था. 

जंगल के कठिन जीवन में जीने का अभ्यास नहीं होने के बाद भी माता सीता की कोमलता और सुंदरता कायम रही थी. 

इसके पीछे मान्यता है कि माता सीता और प्रभु श्रीराम जब वनवास गए, तो दोनों के साथ शिव और पार्वती का दिया आशीर्वाद सुरक्षा कवच की तरह था. 

=माता सीता की रसोई में कभी भोजन की कमी नहीं होती थी और उनके हाथ-पैर नहीं जलते थे. 

माता सीता और प्रभु राम का रूप वर्षा, धूप या मौसम की वजह से नहीं कुंभलाता था और हमेशा कांतिवान बना रहता था. 

सीता जी और श्रीराम जी के विवाह को शिवजी और पार्वती जी भी देवलोक से निहार रहे थे. 

शिवजी और पार्वती जी ने आशीर्वाद दिया था कि राम और सीता के साथ रहने के दौरान जीवन में आने वाली बाधाएं खुद-ब-खुद दूर हो जाएंगी. 

यही वजह है कि वनवास में रहते हुए भी माता सीता के नैसर्गिक सौंदर्य पर कोई असर नहीं पड़ा था. 

प्रभु श्रीराम और सीता माता के दांपत्य जीवन को सनातन परंपरा में एक आदर्श के तौर पर देखा जाता है.