Apr 21, 2024, 02:07 PM IST

क्या विभीषण डरपोक था

Nitin Sharma

त्रेतायुग में श्रीराम के अलावा रावण और उनके भाई विभीषण का वर्णन किया गया है, जिसमें बताया गया है कि विभीषण अपने भाई के खिलाफ था. 

शास्त्रों की मानें तो विभीषण अपने भाई रावण नहीं, बल्कि उसकी नीतियों के खिलाफ था. 

विभीषण को श्रीराम से युद्ध और लंका के विनाश की पहले से जानकारी थी. ऐसे में वह अपने भाई रावण को पाप करने से रोकता था. 

विभीषण ने रावण द्वारा किये गये सीताहरण का भी विरोध किया था. उन्होंने रावण को इसके परिणामों से भी अवगत कराया था. 

वहीं रावण खुद को महान योद्धा, ज्ञानी और बलशाली होने के अहंकार में चूर था. उसने भाई विभीषण की बात सुनने की जगह उसे लात मारकर भगा दिया. 

विभीषण ने खुद न तो लंका को छोड़ा था और न ही कभी रावण का साथ छोड़ा था. वह अपने आखिरी दम तक भाई को सही रास्ता दिखाने का प्रयास करता रहा. 

भाई के भगाने पर ही विभीषण श्रीराम के शरण में गये थे. वह चाहते थे कि रावण और श्रीराम के युद्ध में निर्दोष लंकावासी न मारे जाये. साथ ही लंका में न्याय का राज्य स्थापित हो. 

(Disclaimer: ये जानकारी कंबा रामायण पर आधारित है)