Feb 17, 2024, 02:31 PM IST
भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था. मरते समय उसने भगवान श्री राम से अपनी गलतियों की क्षमा मांगी.
रावण के मरते समय श्री राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण से कहा कि रावण नीति और शक्ति का महान ज्ञाता है. ऐसे में तुम्हें महाज्ञानी रावण से सफल जीवन का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए.
श्री राम के कहने पर लक्ष्मण दशानन रावण के पैरों में जाकर बैठ गये. तब महाज्ञानी और विद्वान रावण ने लक्ष्मण जी को जीवन जरूरी अमूल्य बातें बताई.
रावण ने लक्ष्मण को ज्ञान देते हुए बताया कभी किसी भी शुभ या अच्छे काम में देरी नहीं करनी चाहिए. वहीं अशुभ काम को टालने का प्रयास करना चाहिए.
रावण ने लक्ष्मण को कहा कि अपनी शक्तियों पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए. मैं भी ब्रह्मा जी से मिले वरदान को लेकर घमंड में अंधा था, लेकिन आज मरणासन्न स्थिति में पड़ा हूं.
रावण ने लक्ष्मण को तीसरे उपदेश में बताया कि शत्रु और मित्र की पहचान और समझ होनी चाहिए. कई बार हम शत्रु को अपना मित्र समझ लेते हैं और यह हमारी भूल साबित होती है.
रावण ने लक्ष्मण को चौथे उपदेश में बताया कि कभी भी अपना रहस्य किसी को नहीं बताना चाहिए. चाहे वह आपका भाई ही क्यों न हो.
रावण ने अपने पांचवें आदेश में बताया कि पराई स्त्री पर कभी भी बुरी नजर नहीं रखनी चाहिए, जो भी ऐसा करता है. वह नष्ट हो जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)