Mar 13, 2024, 12:59 PM IST
राजा दशरथ ने अपनी तीसरी पत्नी कैकयी की जिद की वजह से भगवान राम को 14 वर्ष के वनवास के लिए भेजा दिया था.
दासी मंथरा के बहकावे में आकर कैकयी ने राजा दशरथ से वचन मांगा था. कैकयी ने भरत के लिए राजगद्दी तथा राम को 14 वर्ष वनवास देने का वचन मांगा.
कैकयी ने पुत्र मोह में आकर ऐसा किया था. राजा दशरथ ने इस वचन का विरोध किया लेकिन अपने वचन को पूरा करते हुए राम जी को वनवास दिया.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम जी को 14 वर्ष के वनवास पर ही क्यों भेजा गया था. दरअसल कैकयी प्रशासनिक नियम जानती थी.
त्रेतायुग में यह नियम था कि अगर कोई राजा अपनी राज गद्दी से 14 साल तक छोड़ देता है तो वह फिर से राजा बनने का अधिकार खो देता है.
यहीं वजह थी कि कैकयी ने राम जी के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा था. हालांकि भरत ने कैकयी की यह चाल कामयाब नहीं होने दी थी.
भरत ने राज गद्दी पर बैठने से मना कर दिया और राम के वनवास से लौटने के बाद भरत ने उन्हें राजगद्दी पूरे सम्मान के साथ लौटा दी.
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