Feb 5, 2024, 08:15 PM IST

षटतिला एकादशी के व्रत से कट जाएंगे सभी पाप, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Nitin Sharma

पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है.एकादशी पर पूजा अर्चना के साथ ही व्रत करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

कुछ जगहों पर इसे माघ कृष्ण एकादशी, तिल्दा या ​सत्तिला एकादशी भी कहते है. 

एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं. एकादशी व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. 

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 5 फरवरी 2024 को शाम 5 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी. अगले दिन 6 फरवरी को 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी. 

उदयतिथि को देखते हुए षटतिला एकादशी व्रत 6 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन स्नान और दान का बड़ा महत्व है.

इस दिन तिल का इस्तेमाल करना शुभ होता है. तिल  दान करने से व्यक्ति के सभी पाप कष्ट जाते हैं. इसका पुण्य प्राप्त होता है.

षटतिला एकादशी पर पितरों को जल और तिल अर्पित करने से पितृदोष दूर होता है. पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.

षटतिला एकादशी व्रत का पारण 7 फरवरी को सुबह 7 बजकर 6 मिनट से लेकर 9 बजकर 18 मिनट के बीच करना शुभ होगा. व्रत का फल प्राप्त होगा.

षटतिला एकादशी व्रत से व्यक्ति को स्वास्थ्य से लेकर धन लाभ की प्राप्ति होती है. मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)