Jan 11, 2024, 03:03 PM IST

रामायण में एक नहीं दो सीता थीं, जाने गहरा राज

Kuldeep Panwar

रामायण की कथा में हम सभी जानते हैं कि रावण ने सीता माता का अपहरण किया था, जिन्हें छुड़ाने के लिए भगवान राम ने वानर सेना साथ लेकर लंका का युद्ध किया था.

एक पुराण ऐसा भी है, जो कहता है कि रावण ने सीता नहीं बल्कि उनकी हमशक्ल का अपहरण किया था. क्या थी सीता माता की हमशक्ल की यह कहानी, चलिए हम आपको बताते हैं.

दरअसल यह कहानी पद्मपुराण में दी गई है, जिसमें कहा गया है कि रामायण काल में एक नहीं दो सीता थीं, जो एक-दूसरे की हमशक्ल थीं.

दोनों सीता में से एक असली थीं, जिनका भगवान राम के साथ स्वयंवर में विवाह हुआ था. दूसरी सीता असली सीता माता का ही मायावी रूप यानी माया सीता थीं.

पद्मपुराण की कथा के मुताबिक, भगवान राम ने माता सीता से कहा था कि राक्षसों का नाश करने के लिए उन्हें वनवास जाना पड़ेगा. इस दौरान माया सीता उनके साथ रहे.

राम ने सीता को अग्निदेव के पास जाने और अपने माया रूप को उनके साथ वनवास में छोड़ने के लिए कहा था. राक्षसों का वध करने तक माया सीता ही उनके साथ रहे.

राम ने यह कदम सीता माता की सुरक्षा के लिए उठाया था. पद्मपुराण की कथा के मुताबिक, राम को यह मालूम था कि सीता माता का हरण वनवास के दौरान रावण करेगा.

रावण ने जब शूर्पणखा के नाक-कान कटने के बाद सीता माता का झोपड़ी से हरण किया था तो उस समय वह उनके माया रूप को ही अपने साथ लंका लाया था.

लंका युद्ध में रावण वध के बाद राम ने सीता को अग्नि परीक्षा देने के लिए कहा था. पद्मपुराण के मुताबिक, यह अग्निदेव के पास माया सीता को वापस भेजने के लिए था.

अग्नि में प्रवेश करते समय माया सीता अंदर गई थीं, जबकि अग्नि के अंदर से परीक्षा पास करने के बाद वापस लौटने वाली असली सीता थीं.