Jul 20, 2024, 10:47 PM IST
महाभारत युद्ध के इन 5 नियमों की दी जाती है आज भी मिसाल
Smita Mugdha
महाभारत के युद्ध में कौरव और पांडव भाई एक-दूसरे के खिलाफ थे और परिवार के बीच ही यह संग्राम हुआ था.
इसके बावजूद 18 दिन तक चले इस युद्ध में युद्ध नीति से जुड़े कुछ नियमों का हमेशा पालन किया गया था.
महाभारत के युद्ध में इन नियमों के पालन की वजह से ही इसे नीति सम्मत युद्ध कहा जाता है और आज भी इसकी मिसाल दी जाती है.
आइए जानते हैं ऐसे 5 युद्ध के नियमों के बारे में जिनका पालन दोनों पक्षों की ओर से किया गया था.
युद्ध नीति में वीरगति को प्राप्त होने तक समर्पण नहीं करने के नियम को कर्ण, दुर्योधन जैसे योद्धाओं ने निभाया था.
पराजित पक्ष की स्त्रियों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया गया और युद्ध के बाद पांडवों ने उनका ख्याल रखा था.
शाम को सूरज ढलने के बाद युद्ध भेरी बजने का मतलब होता था कि अब कोई योद्धा शस्त्र नहीं उठा सकता था.
आधुनिक युग में भी युद्ध में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत युद्धबंदियों के साथ निर्दयता नहीं बरतने समेत कई नियम हैं.
महाभारत का युद्ध और कथा आज भी जीवन दर्शन और मूल्यों के लिहाज से बहुत प्रासंगिक मानी जाती है.
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18 दिन ही क्यों चला था महाभारत का युद्ध
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