Mar 13, 2024, 08:44 AM IST

जानें सुंदरकांड पाठ करने का सही समय और तरीका

Anamika Mishra

तुलसीदास ने रामचरितमानस 7 भागों में लिखी है, रामचरितमानस का पांचवा भाग सुंदरकांड है.

ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना बेहद शुभ होता है. 

सुंदरकांड में हनुमान जी की लंका यात्रा का वर्णन किया गया है. इस यात्रा में हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका जाते हैं और सोने की लंका को जलाते हैं.

आप सुंदरकांड का पाठ कभी भी कर सकते हैं, लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ करना बहुत शुभ होता है.

सुंदरकांड का पाठ सुबह करना चाहिए और 12 बजे से पहले पूरा कर लेना चाहिए. वहीं अगर आप शाम को इसका पाठ करना चाहते हैं तो 4 बजे के बाद पाठ करना सही होगा.

हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना चाहिए और पूजा करते समय लाल चोला भी अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.

सुंदरकांड का पाठ करने से नकारात्मक विचार दूर रहते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इससे जीवन की हर परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं.

सुंदरकांड का पाठ करने से मन शांत रहता है. हनुमान जी की पूजा करने के साथ श्रीराम की पूजा करनी चाहिए इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.

यह खबर सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.