शकुनि बाल काल से ही कौरवों को पांडवों के खिलाफ भड़काता रहा था लेकिन पांडव फिर भी कौरवों को अपना दुश्मन नहीं मानते थे.
लेकिन शकुनि ने 3 चाल पांडवों के खिलाफ ऐसी चली की उनके मन में कौरवों को लेकर नफरत भर गई.
शकुनि की ये खतरनाक चालें क्या थीं और अंतिम चाल जिसने महाभारत होना तय कर दिया था.
शकुनि की पहली चाल थी भीम को जहर देना. गंगा के तट पर प्रणामकोटि स्थान में जलक्रीड़ा करने के दौरान दुर्योधन ने शकुनि के कहने पर चुपके से भीम के खाने में विष मिला दिया था.
इसके बाद दुर्योधन ने भीम को जल में ढकेल दिया लेकिन वहां से भीम के नाना आर्यक उसे वासुकि नाग के पास ले जाते हैं.
वासुकि अपनी विद्या से भीम को जिंदा कर उसे सहस्रों हाथियों का बल दे दिया था.
शकुनि की दूसरी चाल थी लाक्षागृह का निर्माण. लेकिन विदुर की चलाकी से पांडवों की जान बच गई थी.
शकुनि की तीसरी और सबसे गंभीर चाल थी पांडवों को चौसर यानी जुआ खेलने के लिए बाध्य करना और जुए में धोखा करना.
शकुनि के कहने पर ही दुर्योधन ने द्रौपदी को दांव पर लगाने के लिए पांडवों को बाध्य किया और द्रौपदी की हार के बाद उसके चीरहरण का प्रयास हुआ था.
शकुनि की ये 3 चाल ही महाभारत होने के लिए बड़ी वजह बन गई थी.