Jun 5, 2024, 05:11 PM IST

एक इंकार ने अर्जुन को बना दिया था हिजड़ा, एक साल तक श्राप का रहा था असर

Ritu Singh

अज्ञातवास के दौरान पांडव अपना नाम बदलकर मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर के राजा विराटनरेश की सेवा में थे.

पूरे एक साल अज्ञातवास के दौरान अर्जुन हिजड़े का रूप लिए थे क्योंकि वह एक श्राप के कारण असली में किन्नर बन गए थे.

असल में कुंति ने मंत्रों के जरिये इंद्र से पुत्र के रूप में अर्जुन को पाया था.  

एक बार अर्जुन पिता इंद्रदेव से मिलने देव सभा पहुंचे. उस समय उर्वशी सभा में नृत्य कर रही थीं.

 अचानक उर्वशी की नजर अर्जुन पर पड़ी और वह उनके रूप पर मोहित हो गईं.

उर्वशी अर्जुन को रिझाने लगीं लेकिन अर्जुन उन्हें नजरअंदाज करने लगे.

उर्वशी ने फिर अर्जुन से विवाह करने का प्रस्ताव रखा लेकिन अर्जुन ने इंकार कर दिया क्योंकि वह उनमें अपनी मां का रूप देख रहे थे.

इंकार से उर्वशी इतनी क्रोधित हो गई कि अर्जुन को किन्नर बनने का श्राप दे दिया. अर्जुन ने तब अपने पिता इंद्र को सारी बात बताई .

तो इंद्र ने उर्वशी को समझाया और तब उर्वशी ने इस श्राप को केवल एक साल तक के लिए रहने दिया