May 23, 2024, 12:12 AM IST
अपनी हथेली पर भगवान कृष्ण ने इस योद्धा का किया था अंतिम संस्कार
Sumit Tiwari
महाभारत के कई योद्धाओं के बारे में आपने सुना होगा, जो कि बहुत बलशाली और बु्द्धिमान थे.
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे योद्धा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने त्याग और बलिदान के लिए जाने जाते हैं.
हम कर्ण के बारे में बात कर रहे हैं, क्या आप जानते कि कर्ण के वध के बाद उसका अंतिम संस्कार किसने किया था और कहां किया था.
उत्तराखंड राज्य में कर्ण प्रयाग नाम की एक फेमस जगह है. इस जगह का कर्ण और श्री कृष्ण से सीधा संबंध है.
दरअसल, श्रीकृष्ण कर्ण की वीरता और समर्पण से काफी प्रसन्न थे, उन्होंने कर्ण से उसकी मृत्यु के समय वरदान मांगने को कहा था.
तब श्री कृष्ण से कर्ण ने वरदान मांगा कि उसका अंतिम संस्कार ऐसी जगह किया जाए जहां पहले कभी किसी का अंतिम संस्कार न हुआ हो.
और कहा कि ऐसी ही जगह मेरी अस्थियां भी प्रवाहित की जाएं, जहां पर पहले कभी किसी की अस्थियां प्रभावित न की गई हों.
मान्यताओं के अनुसार, कर्ण की अंतिम इच्छा को मानते हुए श्रीकृष्ण ने अपनी बाईं हथेली पर चिता बनाकर कर्ण का अंतिम संस्कार किया था.
श्रीकृष्ण ने महावीर कर्ण की अस्तियां कर्ण प्रयाग में इसी संगम में प्रवाहित की थी. यहां पर अलकनंदा और पिंडर नदी का संगम होता है.
तब से आज भी कर्ण प्रयाग संगम स्थल पर अंतिम संस्कार किया जाता है. लोग यहां अपने पितरों की अस्थियां विसर्जित करने आते हैं.
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