May 18, 2024, 05:02 PM IST
18 दिनों तक चले महाभारत के युद्ध में लाखों सैनिकों ने हिस्सा लिया था. इस युद्ध में सभी राज्यों के राजाओं नें भी हिस्सा लिया था.
इनमें से कोई राजा कौरवों की तरफ थे, तो कोई पांडवों की तरफ. लेकिन, इनमें से एक राजा ऐसे भी थे जिन्होंने किसी का भी पक्ष न लेते हुए भी इस युद्ध में हिस्सा लिया.
दरअसल, इस युद्ध में उडुपी के राजा ने तटस्थ रहने का फैसला किया और उन्होंने ही उस लड़ाई में दोनों पक्षों के लाखों सैनिकों के लिए भोजन का प्रबंध किया था.
महाभारत के अनुसार, इस इस युद्ध में कभी भी खाना कम नहीं पड़ा और न ही कभी बड़ी मात्रा में बचा, जबकि हर रोज इस युद्ध में कई हजार सैनिक मारे जाते थे.
इसके पीछे एक कथा है कि इस युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण जब रोज उबली हुई मूंगफली खाते थे, तब जिस दिन वे जितनी मूंगफली के दाने खा जाते थे....
समझ लिया जाता था कि उस दिन कितने हजार सैनिक मारे गए. ऐसे में रोज सैनिकों को पूरा भोजन मिल जाता था और अन्न का अपमान भी नहीं होता था.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.