अक्सर आपने देखा होगा या अपने बुजुर्गों को नदियों में सिक्के फेंकते देखा ही होगा, लेकिन इसके पीछे कारण क्या जानते है?
लोग दान में पैसे दान करते हैं तो कुछ लोग सिक्कों को किसी नदी या झील में फेंक देते हैंं.
इसके पीछे हिंदू धर्म की नदी में सिक्के को फेंकना मान्यता भी थी और नदी को साफ रखने के लिए एक उपाय भी.
धार्मिक मान्यता है कि किसी झील या नदी में देवता के नाम के सिक्के फेंकने से मनोकामना पूरी होती है.
वहीं, प्राचीन काल में नदियां जल का मुख्य स्रोत थीं और नदी के पानी को साफ रखने के लिए भी ऐसा किया जाता था. प्राचीन काल में तांबे के सिक्के प्रचलित थे और तांबा पानी को साफ और औषधियों युक्त बनाता है.
नदियों में गिरने वाले तांबे के सिक्के पानी में हानिकारक बैक्टीरिया को मार देते हैं, इसलिए प्राचीन काल में लोग नदियों में सिक्के फेंकते थे, जो बाद में एक परंपरा बन गई.
आज भी आप देखते होंगे गंगा नदी में लोग सिक्के बिनते रहते हैं.