Jun 5, 2024, 11:01 AM IST

श्री कृष्ण ने अपने ही बुआ के पुत्र का वध क्यों किया?

Abhay Sharma

महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण और शिशुपाल का भी एक प्रसंग मिलता है, शिशुपाल रिश्ते में कौरवों और पांडवों का भाई और भगवान श्रीकृष्ण के बुआ का पुत्र था. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जन्म से ही शिशुपाल की 3 आंखें और चार हाथ थे. यह देख उसके माता-पिता को लगा की उनके घर में पुत्र के रूप में कोई राक्षस पैदा हुआ है.

ऐसे में उन्होंने शिशुपाल को त्यागने का फैसला किया, तभी आकाशवाणी हुई कि बच्चे का त्याग न करें, समय आने पर बच्चे की अतिरिक्त आंख और हाथ गायब हो जाएंगे. 

 लेकिन जिस व्यक्ति की गोद में बैठने के बाद इस बच्चे की आंख और हाथ गायब होंगे वही व्यक्ति इसका वध भी करेगा. ऐसे में उसके माता पिता की चिंता तो चली गई. लेकिन उसके वध की चिंता सताने लगी.

एक बार जब कृष्ण अपनी बुआ के घर आए तो उन्होंने शिशुपाल को देखा और गोद में उठा लिया, जिसके बाद शिशुपाल की अतिरिक्त आंख और हाथ गायब हो गए.

शिशुपाल की माता को आकाशवाणी याद आ गयी और उन्होंने श्रीकृष्ण से शिशुपाल का वध न करने का वचन लिया. वह बुआ को दुख नहीं देना चाहते थे और न ही विधि के विधान को टाला जा सकता था.

शिशुपाल जब बड़ा हुआ तो वह रुक्मिणी से विवाह करना चाहता था लेकिन रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं. इसलिए शिशुपाल भगवान श्रीकृष्ण को शत्रु मानता था

एक बार राजसूय यज्ञ में श्रीकृष्ण और शिशुपाल का सामना हो जाता है, ऐसे में भरी सभा में शिशुपाल उन्हें अपमानित करने लगा और उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग करने लगा. 

कृष्ण उसकी गलतियों चुपचाप सहन करते जा रहे थे, लेकिन, जैसे ही शिशुपाल ने सौ अपशब्द पूर्ण किये और 101वां अपशब्द कहा श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र  को शिशुपाल का वध कर दिया. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है