महाभारत में पांडवों के भाई सहदेव को श्रीकृष्ण ने दिया थे ये श्राप
Nitin Sharma
महाभारत में अर्जुन और भीम को बड़ा बलवान माना जाता था. वह पांचों पांडवों में भी श्रेष्ठ थे.
पांचों पांडवों के भाई सहदेव भी त्रिकालदर्शी थे. वह वर्तमान से लेकर भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले ही जान लेते थे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों के पिता ने अपनी मौत के समीप आने पर पांचों पुत्रों को बुलाकर मस्तिष्क को खाने के लिए कहा था. इसके लिए पांचों भाईयों में सहदेव तैयार हुए थे. इसे से वे त्रिकालदर्शी बने.
पिता के मस्तिष्क का पहला टुकड़ा खाते ही सहदेव को इतिहास का ज्ञान हो गया था. दूसरे में वर्तमान और तीसरे टुकड़े में भविष्य का ज्ञान हो गया था.
यही वजह थी कि पांडवों में सहदेव सबसे ज्यादा ज्ञानी और त्रिकालदर्शी बना था. उसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का पहले ही पता लग जाता था.
शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के अलावा सहदेव ही ऐसा था, जिसे महाभारत युद्ध के परिणाम इसके शुरू होने से पहले ही पता लग गये थे.
भगवान श्रीकृष्ण को भी सहदेव की शक्तियों का आभास था. इसलिए उन्हें डर था कि सहदेव भविष्य की जानकारी किसी को न दे दें.
सहदेव को भविष्य की जानकारी देने से रोकने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने श्राप दिया कि अगर तुमने किसी को भविष्य के बारे में बताया तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.