Feb 21, 2024, 07:22 AM IST

चारों युग में कलयुग को क्यों माना गया है श्रेष्ठ

Ritu Singh

वेदों के अनुसार हिंदू धर्म में चार युग माने गए हैं. पहला सतयुग, दूसरा त्रेतायुग, तीसरा द्वापर और चौथा कलयुग.

त्रेतायुग जिसमें भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया, तीसरा द्वापरयुग जिसमें भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया और चौथा और अंतिम युग कलियुग माना जाता है. 

चारों युगों में कलयुग सबसे छोटा युग माना जाता है. कलयुग को सृष्टि का अंत माना जाता है क्योंकि इस युग में सबसे ज्यादा अन्याय, हिंसा और पाप होंगे.

लेकिन फिर भी कलयुग को चारों युगों में सर्वश्रेष्ठ क्यों माना गया? 

विष्णु पुराण के अनुसार एक बार ऋषि-मुनि आपस में इस बात की चर्चा कर रहे थे कि चारों युगों में से कौन सा युग सर्वोत्तम है, तब महर्षि व्यास ने कहा था...

कलयुग चारों युगों में सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि सत्ययुग में जो पुण्य 10 वर्षों की पूजा, जप, तप और व्रत से प्राप्त होता है, वह कलयुग में मात्र एक वर्ष में ही प्राप्त हो जाएगा.

त्रेता युग में जो पुण्य 1 सालों के तप-जप से और द्वापर युग में वही पुण्य एक महीने के जप और तप से मिलेगा. जबकि कलयुग में वही पुण्य केवल एक दिन के जप और तप से प्राप्त हो जाएगा.

इसीलिए महर्षि व्यास कहते हैं कि कलयुग चारों युगों में सर्वश्रेष्ठ है. जिसमें मात्र एक दिन की भक्ति से 10 वर्ष का पुण्य अर्जित किया जा सकता है.