खाटू श्याम बाबा को क्यों कहते हैं 3 बाणधारी, महाभारत से है संबंध
Nitin Sharma
खाटू श्याम बाबा को कलयुग का अवतार कहा जाता है. राजस्थान सीकर में खाटू श्याम बाबा का मंदिर है,जहां भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है.
खाटू श्याम के भक्त बाबा को अलग अलग नामों से पुकारते हैं. उनके सामने अपनी अरदास लगाते हैं.
खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा, शीश का दानी और तीन बाणधारी भी कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाबा को यह नाम क्यों और कहां से मिले.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम बाबा के इन तीनों नामों का संबंध द्वापर के महाभारत युद्ध से है.
द्वापर युग में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक थे. उन्हें भगवान शिव से तीन अमोघ बाण प्राप्त थे.
बर्बरीक अपने एक ही बाण से सभी को नष्ट कर सकते थे. उन्होंने एक बाण चलाकर ही पेड़ के सभी पत्तों को छेद दिया था.
महाभारत युद्ध में शामिल होने के लिए बर्बरीक मां का आशीर्वाद लेकर निकले थे. इसबीच श्रीकृष्ण उन्हें वेष बदलकर मिलें. श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से पूछा कि वह युद्ध में किसी साथ देंगे. उन्होंने कहा कि जो हारेगा मैं उसका पक्ष लूंगा.
श्रीकृष्ण को कौरवों की हार के साथ ही बर्बरीक की शक्तियों का पता था. इसलिए उन्होंने बर्बरीक से उनका शीश दान में मांग लिया.
बर्बरीक ने तुरंत ही अपना शीश काटकर श्रीकृष्ण को दे दिया. इसी के बाद श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि तुम कलयुग में मेरे नाम से पूजे जाओंगे.
तुम्हे लोग तीन बाण धारी, हारे के सहारे और खाटू श्याम के नाम से जानेंगे.