Sep 16, 2024, 09:13 AM IST

दोपहर में क्यों नहीं सोना चाहिए?

Ritu Singh

 चाणक्य नीती कहती है कि दोपहर के समय सोना नहीं चाहिए. दोपहर की नींद को हानि की नींद कहा जाता है.

स्वस्थ शरीर के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग सात से आठ घंटे की नींद की आवश्यकता होती है लेकिन रात की नींद.

 चाणक्य के अनुसार जो लोग दिन में सोते हैं उनकी जल्द ही मृत्यु हो जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब लोग सोते हैं तो उनकी सांसें लंबी हो जाती हैं.

इसके अलावा जो लोग दोपहर में सोते हैं उन्हें जीवन में कुछ भी हासिल करने की इच्छा नहीं होती है. उनकी ताकत और चपलता दिन पर दिन ख़त्म होती जा रही है.

वहीं डॉक्टरों के मुताबिक दोपहर में सोने से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और हार्ट अटैक का खतरा रहता है.

ज्योतिष में भी  दोपहर में सोने से आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही जाती है.

दोपहर में सोने से नकारात्मकता फैलती है. इससे न सिर्फ शरीर को नुकसान होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति परेशान रहता है.

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का जिक्र किया है कि रात में सोने की बजाय दोपहर के समय सोने से कोई भी विपदा या समस्या आ सकती है.

इसलिए रात में 11 बजे नींद के आगोश में जरूर चले जाएं ताकी आपका मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ सही रहे.