May 8, 2024, 02:32 PM IST

क्यों हनुमान जी ने भीम को दिए थे अपने शरीर के तीन बाल? 

Abhay Sharma

महाभारत और रामायण से जुड़ी कई ऐसी कथाएं हैं, जो इंसान को आश्चर्यचकित कर देती हैं.

ऐसी ही एक कथा हनुमान जी और भीम से जुड़ी हुई है. कथा के अनुसार हनुमान जी ने अपने तीन केश (बाल) भीम को दिए थे. 

कथा के अनुसार, एक बार युधिष्ठर ने अपने पिता की शांति के लिए राजसूर्य यज्ञ कराने का फैसला किया, इस यज्ञ में वो ऋषि पुरुष मृगा को आमंत्रित करना चाहते थे.

 ऋषि पुरुष मृगा को बुलाकर लाने की जिम्मेदारी उन्होंने भीम को सौंपी. ऋषि पुरुष मृगा भगवान शिव के भक्त थे और उनका आधा शरीर हिरन का था. इसलिए उनकी चाल बहुत तेज थी और उन्हें खोज पाना बहुत ही मुश्किल कार्य था. 

ऋषि को खोजते हुए भीम की भेंट हनुमान जी से हुई, भीम ने हनुमान जी को पूरी कहानी बताई. तब हनुमान जी ने अपने दिव्य भाई भीम को अपने शरीर के तीन बाल दिए और कहा कि ये मुश्किल वक्त में तुम्हारे काम आएंगे. 

काफी भटकने के बाद भीम ने आखिर ऋषि को ढूंढ लिया, उन्होंने भीम के साथ चलने से पहले एक शर्त रखी. ऋषि ने भीम से कहा कि आपको मुझसे पहले हस्तिनापुर पहुंचना होगा. 

भीम ने ऋषि की शर्त स्वीकार कर ली. ऋषि की चाल बहुत तेज थी ऐसे में भीम के भागते ही वो उनके नजदीक आ गए. ऐसे में भीम ने हनुमान जी के दिए हुए तीन बाल का इस्तेमाल किया. 

पहली बार भीम ने बाल फेंका तो एक शिवलिंग प्रकट हुई, शिवलिंग को देखते ही ऋषि प्रणाम करने लगे. तब तक भीम आगे निकल चुके थे. फिर ऋषि के नजदीक आने पर भीम ने दूसरा और तीसरा बाल फेंका, इस बार एक नहीं बल्कि कई शिवलिंग प्रकट हुए.  

ऋषि सभी शिवलिंग को पूजते हुए आगे बढ़ रहे थे, जिससे उनकी चाल धीमी पड़ गई. अंत में भीम जैसे ही दरवाजे पर पहुंचे ऋषि ने उनके पैर पकड़ लिया, भीम के शरीर का अधा हिस्सा महल में था और पैर बाहर. 

ऐसे में युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण यहां आ गए और उन्होंने भीम को मुक्त करने की प्रार्थना की. युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण की बात मानकर ऋषि नें उन्हें मुक्त किया और यज्ञ को पूरा किया. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.