Mar 5, 2024, 06:28 AM IST

कैलाश पर्वत को ही भगवान शिव ने अपना निवास क्यों चुना ?

Ritu Singh

कैलाश पर रहने के कारण ही महादेव को कैलाशपति कहा गया है और आज भी इस पर्वत को लेकर कई रहस्य कायम है. 

असल में 15 से 20 हजार वर्ष पूर्व वराह काल  की शुरुआत में जब देवी-देवताओं ने धरती पर आए तब धरती हिमयुग की चपेट में थी.

इस दौरान भगवान शंकर ने धरती के केंद्र कैलाश को अपना निवास स्थान बनाया. भगवान विष्णु ने समुद्र और ब्रह्मा ने नदी के किनारे को अपना स्थान बनाया था.

शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलास खंड नाम से अलग अध्याय भी है. इसमें कैलाश पर्वत से जुड़ी बहुत सी जानकारी है.

कैलाश पर्वत को रहस्यमयी, गुप्त और पवित्र माना गया है. हिंदू धर्म में इस तीर्थ स्थान को बहुत अधिक महत्व दिया गया है.

कैलाश पर्वत की ऊंचाई दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत एवरेस्ट से लगभग दो हजार दो सौ मीटर कम है.

 फिर भी माउंट एवरेस्ट पर लोग सात हजार से अधिक बार चढ़ाई कर चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत अब भी अजेय है.

कैलाश पर्वत के बारे में तिब्बत मंदिरों के धर्म गुरु बताते हैं कि कैलाश पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है. 

यह शक्तियां कोई आम नहीं बल्कि अद्भुत हैं. कहा जाता है कि आज भी कुछ तपस्वी इन शक्तियों के माध्यम से आध्यात्मिक गुरुओं के साथ साक्षात्कार करते हैं.

इस पर्वत का चौमुखी आकार दिशा बताने वाले कंपास के चार बिंदुओं जैसा माना जाता है. साथ ही कैलाश पर्वत से ही चार महान नदियों का उदय होता है.

कैलाश पर्वत का सबसे रहस्यमयी तथ्य ये है कि यहां समय तेजी से बीतता है.

मान्यता है कि कहा जाता है कि कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के नजदीक जाने पर लोगों को निरंतर एक ध्वनि सुनाई पड़ती है. इस ध्वनि सुनने में डमरू या ॐ की तरह सुनाई देती है.