Mar 19, 2024, 07:00 AM IST

तुलसीदास की रात में लिखी हनुमान चालीसा सुबह क्यों मिट जाती थी?

Ritu Singh

तुलसीदास ने हनुमान चालीसा की रचना की थी और इसे लिखते समय वह बेहद परेशानी से गुजरे थे.

असल में तुलसीदास रात के समय हनुमान चलीसा की कुछ चौपाईंया लिखते थे.

और जब सुबह उठते तो वो चौपाईयां मिट चुकी होती थीं. ऐसा रोज होता था.

तब तुलसीदास ने हनुमान जी का सुमिरन किया और बजरंबली ने उनको दर्शन दिया.

तुलसीदास ने अपने मन की दुविधा हनुमान जी से कही तो बजरंगबली ने कहा कि यदि प्रशंसा ही लिखनी है तो मेरे प्रभु श्री राम की लिखें, उनकी नहीं.

तब तुलसीदास जी ने अयोध्या कांड के पहले दोहे के साथ हनुमान चालीसा लिखना आरंभ किया.

श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मन मुकुरु सुधारि, वरूणों रघुबर बिमल जसु जो सुखु फल चारि॥