Jan 19, 2024, 06:01 PM IST
काले पत्थर से ही क्यों बनाई गई रामलला की मूर्ति?
Rahish Khan
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला को गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया है.
राम मंदिर में विराजमान होने के बाद रामलला की पहली पूर्ण तस्वीर दुनिया के सामने आई है.
जिसमें प्रभु राम चेहरे पर मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में धनुष-बाण लिए दिखाई दे रहे हैं.
रामलला की ये मूर्ति काले रंग के पत्थर से बनी है, जिसकी ऊंचाई 51 इंच और वजन करीब 200 किलो है.
अब सवाल ये उठ रहा है कि भगवान राम की मूर्ति को काले रंग के पत्थर से ही क्यों बनाया गया?
दरअसल, ये शालिग्राम है, जो एक पत्थर की तरह होता है. प्रभु राम की मूर्ति बनाने के लिए इसे नेपाल की गंडकी नदी से निकालकर लाया गया था.
शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. कई घरों में इनकी पूजा भी होती है.
इसलिए अगर कोई और पत्थर चुना जाता तो आध्यात्मिक दृष्टि से उसकी इतनी अहमियत नहीं होती. इसलिए शालिग्राम को चुना गया.
दूसरी वजह ये भी है कि रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में प्रभु श्रीराम के जिस रूप का वर्णन किया गया है, वो श्यामल रंग के हैं.
इसलिए अगर भगवान राम की मूर्ति बनाने में सफेद या कोई अन्य रंग का पत्थर चुना जाता तो वो सही नहीं होता.
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