महाभारत में माता कुंती व माता गांधारी के बाद द्रौपदी ही ऐसी स्त्री थीं, जिसका जिक्र आज भी महाभारत का नाम लेते ही किया जाता है.
माना जाता है कि द्रौपदी के कटु वचनों के कारण दुर्योधन ने उनका अपमान करने के लिए वस्त्र हरण कराया, जो महाभारत युद्ध का कारण बना था.
अग्नि से जन्मी द्रौपदी को उस समय संसार में मौजूद सबसे सुंदर स्त्रियों में से एक माना जाता है, जो बोलचाल में भी बुद्धिमान व हाजिरजवाब थी.
द्रौपदी बेहद साहसी थीं. इसकी मिसाल परंपरा के खिलाफ 5 पांडवों की पत्नी बनने से लेकर वनवास में पांडवों के ही साथ रहने से लगा सकते हैं.
द्रौपदी को भले ही गुणों की खान माना जाता है, लेकिन उनमें कुछ अवगुण भी थे. उनके 3 सबसे बड़े अवगुण युधिष्ठिर ने अन्य पांडवों को बताए थे.
द्रौपदी के ये 3 अवगुण युधिष्ठिर ने अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव को तब बताए थे, जब पांचों पांडव व द्रौपदी स्वर्ग जाने के लिए निकले थे.
युधिष्ठर ने कहा था कि द्रौपदी अर्जुन से बेहद प्रेम करती हैं. किसी से बेहद प्रेम करना आपको कमजोर बना देता है. इस कारण ये अवगुण है.
युधिष्ठिर ने बताया था कि द्रौपदी का दूसरा अवगुण उनका अपने सौंदर्य और बुद्धिमता पर बेहद अभिमान करना है.
युधिष्ठिर ने द्रौपदी का तीसरा अवगुण उनका हठी होना बताया, जिस कारण उन्होंने दुर्योधन से बदला लेने की सौगंध खाई और महाभारत युद्ध में करोड़ों लोग मारे गए.