अमेरिका ऐसा देश है, जहां हर कोई बसना पसंद करता है. हर साल हजारों भारतीय अमेरिका की नागरिकता लेते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में 65 हजार से ज्यादा भारतीयों ने अमेरिकी की नागरिकता ली थी.
क्या आपको पता है कि अमेरिका में बसने वाला पहला भारतीय कौन था?
20वीं सदी के दौरान अमेरिका में नस्लभेद बहुत ज्यादा हुआ करता था, ऐसे में यहां की नागरिकता हासिल करना इतना आसान नहीं था.
हालांकि उस दौर में भीकाजी बलसारा पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने अमेरिका की नागरिकता मिली थी.
1900 की शुरुआत में अमेरिका में सिर्फ आजाद और वाइट लोगों को ही नागरिकता दी जाती थी.
ऐसे में लोगों को 1790 के नैचुरलाइजेशन एक्ट के तहत अमेरिका की नागरिकता मिलती थी. जिसमें लोगों को साबित करना पड़ता था कि वे आजाद और वाइट हैं.
इस एक्ट के तहत भीकाजी बलसारा ने साल 1906 में अमेरिका की नागरिकता के लिए न्यूयॉर्क के सर्किट कोर्ट में अपील की थी. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया था.
उस समय भीकाजी बलसारा एक पारसी के तौर पर फारसी संप्रदाय के सदस्य थे, ऐसे में उन्हें आजाद और वाइट भी माना जाता था.
उनकी इस दलील के आधार पर न्यूयॉर्क के जज एमिल हेनरी लैकोम्बे ने उन्हें अमेरिका की नागरिकता प्रदान कर दी थी.
1910 में सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में इस फैसले को चुनौती दी गई, जहां सर्किट कोर्ट ने सहमति जताई कि पारसियों को वाइट लोगों के रूप में वर्ग में बांटा जाना चाहिए.