Dec 28, 2023, 05:00 PM IST
अफ्रीका के कांगों की ये चीटियों के जबड़े इतने मजबूत होते हैं कि इन्हें टांके के रूप में इस्तेमाल कर लिया जाता है. बंधे पशु, मुर्गियां और शिशु तक पर ये हमले करते हैं
इनकी लंबाई 1 से 2 इंच होती है. इनका काटना गोली लगने जैसा दर्द देता है. इसलिए इनका नाम बुलेट चीटिंयां पड़ा. इसके पीड़ित लकवाग्रस्त तक हो सकते हैं.
इनकी 285 प्रजातियां पाई जाती हैं. ये अपने शिकार तब तक हमले करती हैं, जब तक वह अधमरा न हो जाए. इनके काटने से जानलेवा स्किन समस्याएं भी हो जाती हैं.
यह रक्त-चूसने वाला कीड़ा आपके सांस की गंध से भोजन तलाशता है. रक्त चूसने के दौरान ये एक इन्फेक्शन छोड़ता है, जो जानलेवा बीमारी Chagas की वजह है.
पिस्सू मीठा गर्म खून पसंद करता है. यह किसी भी जीव-जंतु पर चिपका पाया जा सकता हैं. ब्लैक प्लेग और टाइफस कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह ये रहे.
करीब 10 लाख लोग हर साल मच्छरों से हुई बीमारी के कारण मरते हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो करीब 500 मिलियन लोग हर साल मलेरिया के शिकार होते हैं.
किलर बी बहुत ज्यादा आक्रामक होती हैं. ये इन्सान की आंखों और दिमाग के हिस्सों पर डंक से हमला करती हैं, कई बार इनके हमलों से इनसान की मौत हो जाती है.
2 से 3 इंच लंबे इस हॉर्नेट का विष लोगों के पैरालाइज्ड, किडनी फेल्योर और मृत्यु की वजह बनता है. लोगों के पसीने, शराब और मीठी गंधों से ये आकर्षित होते हैं.
ये मक्खियां जब काटती हैं, तो वहां लार्वा छोड़ देती हैं. ये लार्वा स्किन प्रॉब्लम पैदा करते हैं. यह इन्फेक्शन शरीर के अंदरूनी हिस्सों को भी खराब कर सकता है.
टिड्डियां फसलों को इस बुरी तरह बर्बाद करती हैं कि उस इलाके में भुखमरी की हालत पैदा हो जाए. हाल ही में नाइजर में संक्रमण के लिए ये ही जिम्मेदार थीं.