Dec 20, 2023, 09:48 AM IST

महाभारत युद्ध में इन 10 हथियारों ने मचाई थी तबाही

Kuldeep Panwar

महाभारत युद्ध में एक से बढ़कर एक खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल होने का जिक्र है, जो मौजूदा परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक बताए गए हैं.

ब्रह्मास्त्र को महाभारत के सबसे खतरनाक हथियारों में गिना जाता है. भगवान ब्रह्मा के बनाए इस हथियार के एक वार से पूरी दुनिया खत्म हो सकती थी. इसके उपयोग के लिए बहुत ज्ञान और ध्यान की जरूरत थी.

सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का हथियार था, जो सारथी के तौर पर उतरे थे, लेकिन एक मौके पर चक्र को इस्तेमाल के लिए निकाल लिया था. इसके वार से बचना असंभव था.

पाशुपतास्त्र को भगवान शिव की शक्तियों से लैस माना जाता है, जो एक वार में पूरे ब्रह्मांड का खात्मा कर सकता था. इसका इस्तेमाल महज एक बार ही किया जा सकता था.

आग्नेयास्त्र में आग के देवता भगवान अग्निदेव की शक्तियां थीं. यह मिसाइल की तरह दुश्मन पर गिरता था और सबकुछ खाक कर देता था. 

वायावस्त्र में तूफान के देवता वायु देव की शक्तियां थीं. यह स्वर्गिक हथियार भी ऐसी मिसाइल जैसा था, जिसे चलाए जाने पर चक्रवाती तूफान, कड़कती बिजलियां दुश्मन सेना को नष्ट कर देती थीं.

नागास्त्र में नागराज की शक्तियां थीं. इसे छोड़ने पर सैकड़ों जहरीले नागों की बरसात दुश्मन सेना पर होती थी, जो पल भर में उन्हें खत्म कर देते थे. इसे बेहद डरावना हथियार माना जाता था.

ब्रह्माशिरास्त्र भी ब्रह्मा जी से ही जुड़ा हुआ था और ब्रह्मास्त्र जैसा ही था, लेकिन इसकी शक्ति ब्रह्मास्त्र से कम थी. इसके बावजूद यह अस्त्र भी एक झटके में पूरे संसार का खात्मा कर सकता था.

वज्र भगवान इंद्र का यह स्वर्गिक हथियार महर्षि दधीचि की पवित्र हड्डियों से बना था, जो वार करने पर चमक के साथ ऐसी बिजली छोड़ता था कि अपनी राह में आने वाली हर वस्तु को खाक कर देता था.

वासावी शक्ति केवल कर्ण के पास थी, जिसका एक ही बार उपयोग हो सकता था. इंद्र से कर्ण को मिले इस हथियार में देवताओं तक को भी खत्म करने की पॉवर थी. इसका उपयोग कर्ण ने घटोत्कच पर किया था.

गांडीव धनुष अर्जुन के पास था. भगवान शिव से जुड़ा यह स्वर्गिक धनुष अर्जुन को अग्निदेव ने दिया था. संसार के सबसे शक्तिशाली धनुष में से एक गांडीव की भूमिका महाभारत युद्ध में बेहद अहम रही थी.

विजया धनुष भी बेहद शक्तिशाली था, जो कर्ण के पास था. कर्ण को यह धनुष भगवान शिव ने दिया था. कहा जाता है कि यह धनुष कभी नष्ट नहीं हो सकता था और हर शक्तिशाली अस्त्र को चला सकता था.