Dec 16, 2023, 03:42 PM IST

महाभारत के आखिरी दिन कैसे मरने वाले थे अर्जुन

Kuldeep Panwar

महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने सारथी बनकर अर्जुन के रथ को संभाला था. उनके इस काम का युद्ध के निर्णय पर बहुत बड़ा असर हुआ था, जिसका पता अर्जुन को आखिरी दिन चला था.

अर्जुन के साथ युद्ध में कर्ण का तीर रथ को 7 कदम तक पीछे धकेलता था तो श्रीकृष्ण तारीफ करते थे. इससे अर्जुन बेहद नाराज हुए थे. उन्होंने श्रीकृष्ण से शिकायत की तो वे मुस्कुरा दिए थे. इसका राज भी युद्ध के आखिरी दिन खुला था.

महाभारत में रोजाना युद्ध खत्म होने पर श्रीकृष्ण पहले रथ से उतरते और इसके बाद सारथी धर्म को निभाते हुए अर्जुन को नीचे उतारते थे.

युद्ध के आखिरी दिन श्रीकृष्ण ने पहले अर्जुन को रथ से नीचे उतरने को कहा और इसके बाद वे खुद नीचे उतरे तो अर्जुन को बेहद हैरानी हुई.

श्रीकृष्ण के नीचे उतरते ही अर्जुन का रथ तत्काल इस तरह भस्म हो गया, मानो उसमें आग लगा दी गई हो. इससे अर्जुन और ज्यादा हैरान हो गए.

अर्जुन ने श्रीकृष्ण से इसका राज पूछा तो उन्होंने कहा, पार्थ तुम्हारे रथ की पताका पर हनुमान, पहियों में स्वयं शेषनाग और लगाम पर मैं विराजमान था, इसलिए यह रथ बचा हुआ था.

श्रीकृष्ण बोले, भीष्म, कर्ण, द्रोणाचार्य आदि योद्धाओं के दिव्यास्त्रों से यह रथ बहुत पहले ही भस्म हो चुका था. हम तीनों के कारण ही यह अब तक भी अपने इस साकार रूप में बना हुआ था.

श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि यदि आज युद्ध खत्म हो जाने पर भी मैं पहले खुद उतरता तो रथ के साथ ही तुम भी भस्म हो जाते, क्योंकि अब इसमें हम तीनों का वास नहीं रहा था.

श्रीकृष्ण ने अर्जुन से पूछा कि इन शक्तियों के होने के बावजूद यदि कर्ण के तीर रथ को सात कदम पीछे धकेल देते थे तो बताओ उसकी तारीफ करने में क्या गलती थी.

युद्ध में श्रेष्ठ वीरों को हराकर अहंकार में पड़ गए अर्जुन का अभिमान इस जानकारी के साथ ही मिट गया. उन्होंने खुद को श्रीकृष्ण के चरणों में नतमस्तक कर दिया.