Dec 22, 2023, 08:35 PM IST

चांद पर क्यों घट जाता है वजन?

Kuldeep Panwar

चांद पर विजय पाने के बाद उसके बारे में जो सबसे बड़ी बात इंसान को पता चली है, वो ये है कि वहां पृथ्वी के मुकाबले किसी भी चीज का वजन बेहद घट जाता है.

पृथ्वी पर इंसान का औसत वजन 70 किलोग्राम माना जाता है, लेकिन यदि आप इतने वजन वाले किसी व्यक्ति का वजन चांद पर तौलेंगे तो कांटे पर 12 किलोग्राम का वजन दिखाई देगा.

आइए आपको बताते हैं कि चंद्रमा पर इंसान के वजन में क्यों बदलाव होता है और वहां पहुंचने के बाद आपका वजन घटकर कितना रह जाता है.

चांद पर जाकर वजन घटने का कारण उसके और पृथ्वी के वातावरण में अंतर होना है. चांद पर किसी भी चीज का वजन पृथ्वी के मुकाबले 1/6 गुना तक घट जाता है.

दरअसल चांद और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में बहुत बड़ा अंतर है. चांद के गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी से करीब 1/6 गुना तक कम है. इसी कारण वहां पृथ्वी से 6 गुना भारहीनता महसूस होती है.

चांद पर 6 गुना कम वजन का मतलब यह नहीं है कि आपका वजन घट गया है. दरअसल चांद पर शरीर का द्रव्यमान पृथ्वी के बराबर ही रहता है, लेकिन गुरुत्व त्वरण के कारण भार यानी बल 6 गुना घट जाता है.

क्या आप जानते हैं कि चांद कैसे बना है? दरअसल 4.425 अरब साल पहले पृथ्वी से मंगल ग्रह के बराबर आकार वाला एक पिंड टकराया था. इससे उड़े मलबे से ही धीरे-धीरे चांद का निर्माण हुआ था.

इस टक्कर के कारण ही पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुक गई थी, जिससे विभिन्न ऋतुओं का जन्म हुआ और पृथ्वी के घूमने की गति में स्थिरता आई. इससे यहां जीवित वस्तुओं के पनपने के अनुकूल हालात मिले थे.

चांद के पृथ्वी का ही एक हिस्सा होने की पुष्टि हाल ही में वहां उतरे ISRO के Chandrayaan-3 के लैंडर विक्रम और उसके रोवर प्रज्ञान में लगे रिसर्च ऑब्जेक्ट्स ने भी की है.

विक्रम और प्रज्ञान के रिसर्च उपकरणों ने चांद की सतह में वे तमाम मेटल होने की पुष्टि की है, जो पृथ्वी पर भी आसानी से पाई जाती हैं. इससे यह पुष्टि हुई है कि चांद पृथ्वी से ही अलग होकर बना है.