Oct 29, 2023, 11:53 AM IST

राजा परीक्षित की मृत्यु कैसे हुई थी

DNA WEB DESK

राजा परीक्षित, अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र थे.

वह महान तपस्वी थे और पांडवों के इकलौते उत्ताराधिकारी थे.

युद्ध में विजयी होने के बाद पांडवों ने हिमालय की यात्रा की और राज-काज परीक्षित को सौंप दिया.

परीक्षित तपस्वी थे, उन्होंने धर्म का राज्य स्थापित किया. एक दिन वह आखेट करते हुए वन में भटक गए.

वह एक ऋषि के आश्रम में पहुंचे. एक ऋषि ध्यानस्थ थे. उन्होंने पानी मांगा लेकिन नहीं मिला.

उनको लगा कि ऋषि अपमान कर रहे हैं. वे क्रोधित होकर उनके गले में मरे हुए सांप को डालकर चले गए. 

जैसे ही ऋषि का ध्यान टूटा, उन्होंने परीक्षित को शाप दे दिया. उन्होंने कहा कि तक्षक सांप परीक्षित को डसेगा और राजा की मृत्यु हो जाएगी.

जब यह बात परीक्षित को पता चली तो वे धर्म की शरण में चले गए.

उन्होंने पुत्र जनमेजय को राज-काज सौंपकर गंगा तट पर शुकवदेव जी से श्रीमद भागवत कथा सुनने लगे.

सातवें दिन तक्षक ने डसा और उनकी मौत हो गई.