Aug 13, 2024, 12:33 PM IST

किंग कोबरा अपनी नागमणि कहां रखता है

Kuldeep Panwar

किंग कोबरा जैसे नाग के 100 साल तक जिंदा रहने पर उसे नागमणि मिलने की बात आपने खूब सुनी होगी, कई लोग इसे देखने का भी दावा करते हैं. क्या वास्तव मे नागमणि होती है?

मान्यता है कि बेहद चमकीली दिखने वाली नागमणि में अद्वितीय शक्ति होती है और यह साल में एक-दो बार खास हालात में ही दिखाई देती है.

नागमणि मिलने पर नाग के इच्छाधारी बन जाने की सामाजिक मान्यताओं को बॉलीवुड फिल्मों और टीवी सीरियलों में खूब भुनाया गया है.

नागमणि को लेकर यह भी मान्यता है कि इसे पाने पर इंसान बेहद चमत्कारी हो जाता है. इस चक्कर में लोग बहुत सारे नागों को मार देते हैं.

नाग नागमणि कहां छिपाते हैं? क्या इन कहानियों में कोई सच्चाई है और इस बारे में वैज्ञानिक क्या कहते हैं? चलिए हम आपको बताते हैं.

मान्यता है कि भगवान शिव के आशीर्वाद से 100 साल से ज्यादा उम्र वाले किंग कोबरा नाग के मुंह में स्वाति नक्षत्र की बारिश की बूंदें जाने पर नागमणि बन जाती है.

प्रचलित कथाओं के हिसाब से नागमणि को सांप फन के ऊपर मुकुट की तरह खाल के अंदर धारण करता है यानी यह दिखाई नहीं देती है. 

मान्यता है कि साल में कुछ खास मौकों पर इस नागमणि की चमक सांप के फन से बाहर दिखने लगती है यानी तब उसके माथे पर मणि दिखती है.

नागमणि सांप के माथे में ही छिपी रहने की इस मान्यता के कारण हर साल हजारों किंग कोबरा को पकड़कर उन्हें फन चीरकर मार दिया जाता है.

अब बात करते हैं वैज्ञानिक मान्यता की. आपको बता दें कि वैज्ञानिक नाग के सिर के अंदर मणि बनने जैसा सिस्टम नहीं होने की बात करते हैं.

सांपों की गहन स्टडी करने वाले डॉ. डीएस श्रीवास्तव के मुताबिक, सांप के शरीर में कोई मणि बनना संभव ही नहीं है. यह केवल अंधविश्वास है.

नागमणि जैसी चमक को लेकर डॉ. श्रीवास्तव का मानना है कि रात के अंधेरे में लाइट पड़ने पर सांपों की आंखें चमकती हैं, जिसे शायद मणि समझ लिया जाता है.

हालांकि नाग का सिर चीरकर काले पत्थर जैसी मणि निकालने जैसे तमाम फर्जी वीडियोज आपको इंटरनेट पर देखने को मिल सकते हैं.

इस काले पत्थर के नागमणि होने के दावे का खंडन SCI-ART LAB की रिपोर्ट में डॉ. कृष्णा कुमारी छल्ला ने किया है. उनका कहना है कि यह सांप के माथे की हड्डी होती है.

साइंस भले ही नागमणि का अस्तित्व नहीं मानता, पर पौरोणिक काल के बड़े वैज्ञानिक वराहमिहिर नागमणि की मौजूदगी की पुष्टि करते हैं.

वराहमिहिर ने वृहतसंहिता में बताया है कि आग से ज्यादा चमकदार रोशनी वाली नागमणि देखी गई है, जिसे धारण करने वाला राजा अजेय होता है.

वराहमिहिर ने नागमणि को बीमारियों और जहर की काट वाला भी बताया है. इसके अलावा भी कई ग्रंथों में नागमणि का जिक्र पढ़ने को मिलता है.