Jul 28, 2024, 02:50 PM IST
एक जानवर अक्सर दूसरे जानवर को खते हैं और अपना पेट भरते हैं.
लेकिन कई जानवर ऐसे भी होते हैं जो अपनी ही प्रजाति को खा जाते हैं. ऐसे जानवरों को सेल्फ कैनिबलिज्म कहते हैं.
जब भी ऑक्टोपस को चोट लगती है तो वह अपने उस हिस्से को खा जाता है. क्योंकि कुछ दिनों बाद उसका वह हिस्सा वापस आ जाता है.
कई छिपकलियां भी ऐसी होती हैं जो अपने जख्मी हिस्सों को खा जाती हैं क्योंकि ऑक्टोपस की तरह उनका भी अंग वापस आ जाता है.
गोल्डफिश भी अपने जख्मी हिस्से को धीरे-धीरे कर खा जाती है.
जब भी स्टारफिश को भूख लगती है या किसी अंग में चोट लगती है तो वह अपनी ही लिम्ब को खा जाती है.
सांप की कुछ प्रजातियां ऐसी होती हैं, जो अपने आप को ही खा जाते हैं.
ऐसा देखा गया है जब चूहे की प्रजाति ज्यादा होती है या खान की कमी होती है, तो ऐसे में चूहे खुद को खाने लग जाते हैं.
चूहे जैसे दिखने वाला हैमस्टर भी अपने घायल हिस्सों को या फिर नए अंगों को खा जाता है.