Feb 22, 2024, 07:33 PM IST

Rolls Royce कार से कूड़ा उठवाने वाला भारतीय राजा

Kuldeep Panwar

Rolls Royce Car हमेशा से सभी अमीरों की पहली पसंद के तौर पर देखी जाती रही है. हर अमीर के कारों के काफिले में इसकी मौजूदगी जरूर होती है.

एक समय खरीदार के घर रॉल्स रॉयस की टीम आकर हैसियत का सर्वे करती थी. हैसियत के एक स्तर पर मिलने के बाद ही कार दी जाती थी. 

दुनिया की सबसे महंगी कार का तमगा रखने वाली रॉल्स रॉयस से यदि कोई कूड़ा उठवाने लगे और सड़कें साफ कराने लगे तो आप क्या सोचोगे?

पहली नजर में पागलपन जैसा लगने वाला ये काम किया था एक भारतीय महाराजा ने. इस हरकत के पीछे का कारण जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

राजस्थान की अलवर रियासत के महाराजा जय सिंह प्रभाकर 1920 में लंदन दौरे में एक कारण से इस महंगी कार से नाराज हो गए थे.

महाराजा अलवर होटल से साधारण कपड़ों में अकेले लंदन घूमने निकल गए. रास्ते में रॉल्स रॉयस कार का शोरूम देखा तो वे उसके अंदर चले गए.

महाराजा को गरीब मानकर शोरूम कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया. इससे वे नाराज हो गए. वे अपने राजसी ठाट-बाट में दोबारा वहां गए.

महाराजा की इस बार शोरूम में खूब आवभगत हुई. उन्होंने नकद भुगतान कर एकसाथ करोड़ों रुपये की 10 रोल्स रॉयस कार का ऑर्डर दिया.

महाराजा ने भारत पहुंचने पर सभी 10 रोल्स रॉयस कार सीधे अलवर नगर निगम को सौंप दी और उनसे शहर का कूड़ा उठवाने का आदेश दिया.

महाराजा के आदेश पर सभी गाड़ियों के अगले पहियों के आगे झाड़ू लगाई गईं, जिससे वे सफाईकर्मी की तरह पूरी सड़क साफ करती थीं.

महाराजा के इस आदेश की चर्चा सभी जगह फैल गई. रोल्स रॉयस को शाही कार कहने वाले लोग इसे कूड़ा गाड़ी कहकर खरीदने से इंकार करने लगे.

रोल्स रॉयस की बिक्री घट गई. इस पर कंपनी के मालिक ने महाराजा को पत्र लिखकर माफी मांगी और गाड़ियों से कूड़ा नहीं उठवाने की गुहार लगाई.

लिखित माफी मिलने पर महाराजा ने कारों से कूड़ा उठवाना बंद कर दिया. हालांकि उन्होंने ये कार ना खुद इस्तेमाल की और ना कभी कंपनी को लौटाई.