पाकिस्तानी सेना का अय्याश जनरल जो बिना कपड़ों के करता था पार्टी
Kuldeep Panwar
16 दिसंबर, 1971 को भारत के लिए सबसे गर्वभरा दिन माना जाता है, जब ढाका में पाकिस्तान के 93 हजार फौजियों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था.
भारत की पाकिस्तान पर इस जीत से बांग्लादेश के नाम से नया देश अस्तित्व में आया था. भारत-पाकिस्तान के इस युद्ध के समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल याहया खान थे.
जनरल याहया खान पाकिस्तान के इतिहास में बहादुरी भरे फैसलों के लिए कम और औरतों के साथ अय्याशी, बिना कपड़ों के यानी नंगा होकर पार्टी करने व बेहद शराब पीने के लिए ज्यादा मशहूर थे.
पाकिस्तान के बहुत सारे अफसरों का ये मानना है कि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना की हार का बड़ा कारण जनरल याहया खान का यह अय्याश मिजाज भी था.
पाकिस्तानी शासकों पर किताब 'पाकिस्तान एट द हेल्म' लिखने वाले तिलक देवेशर के मुताबिक, याहया खान बहुत रंगीले आदमी थे. ज्यादा शराब पीने से जो अवगुण हो सकते हैं. वो सब उसमें थे.
जनरल याहया की हाउस वार्मिंग पार्टी पाकिस्तान की नामी हस्तियों में मशहूर थी, जिनमें शामिल होने वाले पुरुष-महिलाएं शराब का नशा चढ़ने के साथ ही धीरे-धीरे पूरी तरह नंगे हो जाते थे.
हसन अब्बास की किताब 'पाकिस्तान्स ड्रिफ्ट इन टू एक्सट्रीमिज्म' में एक घटना बताई गई है, जिसमें नग्न याहया खान अपनी नग्न महिला मित्र को उसी हालत में कार से घर छोड़ने जाने लगे थे.
हसन लिखते हैं, याहया के सैनिक सचिव मेजर जनरल इशाक नशे में नहीं थे और वे जनरल को पैंट पहनने के लिए मनाने में सफल रहे, वरना सड़कों पर कुछ और ही नजारा होता.
याहया खान की अय्याशी ऐसी थी कि उन्होंने 'ब्लैक पर्ल' के नाम से मशहूर इस बंगाली महिला मित्र श्रीमती शमीम को महज पार्टी में आने के कारण ऑस्ट्रिया में पाकिस्तानी राजदूत बना दिया था.
याहया खान की महिलाओं से दोस्ती के कारण वे 'लेडीज मैन' कहलाते थे. उनकी एक महिला दोस्त अक्लीम अख्तर को तो 'जनरल रानी' कहकर ही बुलाया जाता था.
बीबीसी रिपोर्टर ओवेन बेनेट जोंस की किताब 'पाकिस्तान: आई ऑफ द स्टॉर्म' में जिक्र है कि पाकिस्तानी आए ईरान के शाह के लौटने के समय याहया अपने बेडरूम से बाहर ही नहीं निकले.
आगे लिखा है, शाह लेट हो रहे थे और अफसर परेशान. तब जनरल रानी को बेडरूम में भेजा गया. जब वे अंदर घुसीं तो याहया पाकिस्तान की मशहूर गायिका के साथ बिस्तर में घुसे हुए थे.
याहया खान इतने बदनाम थे कि सैनिक कमांडरों को उनकी तरफ से रात 10 बजे के बाद मिलने वाले मौखिक निर्देश नहीं मानने का हु्क्म मिला हुआ था.
तिलक देवेशर ने BBC से कहा था कि पाकिस्तान के चीफ ऑफ द स्टाफ जनरल अब्दुल हमीद खान ने साफ कह रखा था कि रात 10 बजे बाद का कोई भी मौखिक आदेश अगले दिन राष्ट्रपति कार्यालय से पुष्टि के बाद ही माना जाए.
जनरल याहया खान को 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बने जुल्फिकार अली भुट्टो ने बन्नी के ऐसे रेस्ट हाउस में नजरबंद कराया था, जहां केवल मक्खी, मच्छर और सांप ही दिखते थे.
जनरल जियाउल हक के पाकिस्तानी तानाशाह बनने पर भुट्टो को फांसी मिली थी और याहया खान को रेस्ट हाउस की कैद से मुक्ति, लेकिन याहया 10 अगस्त, 1980 तक ही जिंदा रह सके.