कुलदेवता समझ लोग कर रहे थे पूजा, निकला इस जानवर का अंडा
DNA WEB DESK
कई बार तो अंधविश्वास में अंधे होकर लोग ऐसे-ऐसे काम कर जाते हैं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
आपने भी समय-समय पर ऐसी बातें सुनी होंगी, जिसमें लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं.
आज हम आपको मध्यप्रदेश से एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला बताएंगे, जहां लोग जिसे कुलदेवता समझकर वर्षों से पूजा कर रहे थे, वह किसी जानवर का अंडा निकला.
एमपी के धार जिले के पांडलया गांव के रहने वाले 40 साल के वेस्ता मांडलोई को खुदाई के दौरान एक गोलाकार पत्थरनुमा आकृति वाली वस्तु मिली थी. वो इसे अपने पूर्वजों के कुल देवता के रूप में मानने लगे.
बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज लखनऊ के विशेषज्ञ और मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी यहां पहुंचे.
विशेषज्ञों ने पाया कि यह ग्रामीणों के कुलदेवता नहीं है, बल्कि डायनासोर की टिटानो- सारस प्रजाति के जीवाश्म अंडे हैं.
इसके बाद विशेषज्ञों ने लोगों को इस आकृति की असलियत के बारे में लोगों को बताना शुरू किया.
जीवाश्म विज्ञान विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने बताया कि अब तक धार जिले में 120 किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 256 डायनासोर के अंडे पाए गए हैं.
बीएसआईपी के निदेशक एमजी ठक्कर ने कहा कि इस साल जून में कम से कम 20 नए डिनो घोंसले के शिकार स्थलों की खोज की गई. उन्हें बताया गया कि उनके 'कुलदेवता' भी डायनोसोर का अंडा हैं.