Jun 28, 2024, 11:19 PM IST

बारिश की बूंदों के बीच इश्क की खुमारी बढ़ा देंगी ये रोमांटिक शायरियां

Sumit Tiwari

ऐ बारिश जरा थम के बरस, जब वो आ जाये तो जम के बरस। पहले न बरस के वो आ न सके,फिर इतना बरस के वो जा न सके

मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं

आज हलकी हलकी बारिश है, आज सर्द हवा का रक्स भी है। आज फूल भी निखरे निखरे हैं, आज उन मैं तुम्हारा अक्स भी है 

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में, ज्यादा भीगना मत। अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां, तो फिर बहुत याद आएंगे हम

टूट पड़ती थीं घटाएं जिन की आंखें देख कर, वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए.

न जाने बादलों के दरमियान क्या साजिश हुई,  मेरा घर मिट्टी का था मेरे ही घर बारिश हुई.

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मै एक शाम चुरा लूं अगर बुरा न लगे

अजब पुर लु्त्फ मंजर देखता रहता हूं बारिश में बदन जलता है और मै भीगता रहता हूं.