लाहौर में आज भी चालू है हीरामंडी, जानें अब क्या हैं वहां के हालात
Utkarsha Srivastava
लाहौर की हीरामंडी, हीरा सिंह डोगरा के नाम पर बनी है. उन्होंने ही ये हीरामंडी बसाई थी. वो 17 सितंबर 1843 से 21 दिसंबर 1844 तक लाहौर के सिख साम्राज्य के प्रधान मंत्री रहे थे. (AI Photo)
पहले ये अनाजों की मार्केट 'हीरा सिंह दी मंडी' हुआ करती थी लेकिन फिर यहां पर तवायफों ने बसेरा कर लिया और ये इलाका 'हीरामंडी' के नाम से मशहूर हो गया.
15वीं और 16वीं शताब्दी में मुगल अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान से महिलाओं को लेकर हीरामंडी में रखने लगे. जहां उन्हें क्लासिकल डांस करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. (AI Photo)
अहमद शाह अब्दाली की कब्जे के बाद हीरामंडी वेश्यावृत्ति के लिए पहचाना जाने लगा था.
बदनामी के बावजूद भी इस इलाके में दिन के समय में अनाजों की मार्केट लगती थी. वहीं, रात में हीरामंडी देह व्यापार का सेंटर बन जाता था.
जैसा कि संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' में दिखाया गया है. हीरामंडी की तवायफों ने स्वतंत्रता सेनानियों की मदद करते हुए आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान दिया था. (AI Photo)
हीरामंडी आज भी लाहौर में मौजूद है. आज भी यहां पर दिन में आलीशान मार्केट लगती है और रात में यहां देह व्यापार होता है. (AI Photo)