Jul 26, 2023, 07:45 PM IST
दिल्ली के पास की नदियां, जो यमुना को बना देती हैं और ज्यादा खतरनाक
Kuldeep Panwar
दिल्ली में पहले बहुत सारी नदियां बहती थीं, जो अब केवल बरसात में ही उफनकर यमुना में बाढ़ लाती हैं.
साहिबी नदी को अब नजफगढ़ नाला कहते हैं, क्योंकि यह केवल बरसात में नदी जैसी दिखती है.
राजस्थान के सीकर जिले से निकली साहिबी नदी करीब 100 साल पहले तक विशाल नदी होती थी.
हिंडन नदी को दिल्ली के करीब यमुना नदी में बाढ़ लाने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी कहा जा सकता है.
हिंडन का पौरोणिक नाम हरनंदी है, जो सहारनपुर जिले में शिवालिक की पहाड़ियों से निकलती है.
1807 के ब्रिटिश सर्वेक्षण के मुताबिक, अरावली की पहाड़ियों से साहिबी नदी के अलावा दो और नदी दिल्ली पहुंचती थीं.
एक नदी तिलपत पहाड़ियों में दक्षिण से उत्तर, तो दूसरी हौजखास के करीब कई छोटी नदियों को समटेती थीं.
ये दोनों नदियां यमुना नदी में गिरती थीं. तब यमुना मौजूदा जगह से 20 किमी अंदर दिल्ली रिज के करीब बहती थी.
इन नदियों को अब नालों में बदल दिया गया है, जिनमें बारिश में अरावली का पानी आने पर बाढ़ आती है.
सोम नदी हरियाणा की बरसाती नदी है, जो यमुना के दिल्ली में एंट्री से थोड़ा पहले उसमें बाढ़ का पानी लाती है.
कृष्णी नदी सीधे दिल्ली को नहीं डुबोती पर राजधानी से थोड़ा दूर बागपत जिले में यह हिंडन में मिलती है.
टोंस नदी, सुपिन नदी, जलाल नदी, पब्बर नदी और गिरि नदी दिल्ली नहीं पहुंचती हैं, पर ये हरियाणा और उससे ठीक पहले यमुना में मिल जाती हैं.
इन नदियों में उत्तराखंड-हिमाचल के पहाड़ों की बाढ़ आती है, जो यमुना का रूप विकराल बना देती है.
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