चीन के ताओ धर्म और भारत के हिंदू धर्म में कई सारी समानताएं देखने को मिलती है.
चीन का ताओ धर्म का मूल ग्रंथ ताओ ते चिंग है, ये ग्रंथ लाओ त्ज़ु द्वारा लिखी गई है.
ये चीनी धर्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व में अपने अस्तीत्व में आया.
ताओ धर्म की शुरुआत बौद्ध धर्म के आने से एक सदी पहले हुई थी.
ताओ धर्म और हिंदू धर्म के बीच कई सारी चीजें एक जैसी हैं.
कर्म योग को दोनों ही धर्मों में प्राथमिकता दी गई है. ताओं धर्म में सृजन करने की बात कही गई है. साथ ही उसका श्रेय नहीं लेने के लिए कहा गया है.
सन्यास को भी हिंदू और ताओ दोनों ही धर्मों में अहमियत दी गई है.
जगतजननी आदिशक्ति को लेकर दोनों ही धर्मों में सम्मान दिया गया है.
ज्ञान योग को हिंदू धर्म जितनी तवज्जो देता है, उतना ही ताओ धर्म में भी दिया गया है. दोनों ही धर्मों में अपने भीतर के ज्ञान चक्षु को जागृत करने की बात कही गई है.