Oct 28, 2024, 02:27 PM IST

आखिर मुस्लिमों में क्या होता है मुताह? इसमें लड़की कई दफा बसा सकती है घर

Akanchha Singh

दुनिया के अलग-अलग धर्मों में विवाह के अलग-अलग परंपराएं होती हैं.

इस्लाम धर्म में विवाह को एक सामाजिक समझौता माना जाता है, जिसमें पति और पत्नी के परिवार मिलकर एक समझौता करते हैं.

इसमें पति और उसके परिवार वाले पत्नी के परिवार को मेहर के रूप में कुछ पैसे देते हैं. फिर दोनों पक्ष की सहमति के बाद शादी संपन्न होती है.

वहीं इस्लाम में दो प्रमुख संप्रदाय हैं, शिया और सुन्नी, जिनकी मान्यताएं और परंपराएं अलग-अलग होती हैं.

इस्लाम में कई प्रकार की शादी की परंपरा है, जिनमें से एक मुताह परंपरा है.

मुताह इस्लाम में मुसलमानों के बीच होने वाली एक अस्थायी शादी है.

यह विवाह शिया मुसलमानों के बीच होता है जो अपने व्यावसायिक कारणों से दूर-दूर तक यात्रा करते हैं. उनमें इस विवाह का प्रचलन है.

बता दें कि इस विवाह में एक निश्चित समय सीमा होती है, जिसके बाद दोनों पक्ष अपनी सहमति से अलग हो जाते हैं.

मुताह विवाह में किसी भी प्रकार की पाबंदियों का अभाव होता है. इसमें महिलाएं जितनी चाहें उतनी शादियां कर सकती हैं.

बशर्ते वह समय सीमा निर्धारित की जाए. यह अवधि एक महीने से लेकर एक साल तक हो सकती है.  वहीं सुन्नी समुदाय इसे अवैध मानता है