Jan 12, 2024, 06:23 PM IST

कहां है स्वर्ग का मंदिर, जहां पीएम मोदी भी टेक चुके हैं मत्था

Kuldeep Panwar

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की पूरी तैयारी हो चुकी है. 550 साल बाद रामलला दोबारा अपने मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी को विराजमान होने के लिए तैयार हैं.

राम मंदिर की धूम के बीच एक ऐसे मंदिर का भी जिक्र चल रहा है, जिसे 'द टेंपल ऑफ हेवन' यानी ‘स्‍वर्ग का मंदिर’ कहा जाता है. इस मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी भी मत्था टेक चुके हैं.

The Temple Of Heaven कहां है और कौन से भगवान इस मंदिर में विराजमान हैं. इस बात की जानकारी चलिए हम आपको देते हैं. 

'स्वर्ग का मंदिर' करीब 600 साल पुराना है. चीन के बीजिंग शहर में मौजूद इस मंदिर का निर्माण 15वीं सदी में तत्कालीन चीनी सम्राट जू होउकोंग ने कराया था.

जियाजिंग वंश के चीनी सम्राट जू होउकोंग ने बीजिंग में उस समय स्‍वर्ग मंदिर के साथ ही सूर्य मंदिर, पृथ्‍वी मंदिर और चंद्रमा मंदिर भी बनवाए थे. 

पृथ्वी और स्वर्ग के बीच के रिश्ते के प्रतीक इस मंदिर को ताओ धर्म का मंदिर भी कहा जाता है, जो चीन का मूल धर्म है. ताओ परंपराओं के अनुसार ही यहां धार्मिक अनुष्ठान होते हैं.

दरअसल पुराने समय में चीन के सभी सम्राट खुद को 'भगवान का बेटा' कहते थे. प्रजा में उन्हें भगवान की तरफ से पृथ्वी पर तैनात सर्वोच्च अधिकारी माना जाता था.

भगवान के साथ अपना यही कनेक्शन दिखाने के लिए चीनी सम्राट ने स्वर्ग के मंदिर का निर्माण कराया था, जिसमें सम्राट भगवान से प्रजा के लिए अच्छी फसल की बात करने जाते थे.

शाही समारोह के बीच सम्राट इस मंदिर में भगवान से प्रार्थना कर अच्छी फसल की मांग करते थे. कहते हैं कि इससे चीन में फसल अच्छी होती थी. 

दुनिया के सबसे बड़े धर्मस्थलों में से एक स्वर्ग का मंदिर करीब 2.73 किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है. लकड़ी से बने इस मंदिर में 600 कमरे और 92 प्राचीन इमारत हैं.

मनमोहक बनावट वाले मंदिर के बीच में संगमरमर के गोलाकार बरामदे के केंद्र में ही प्रार्थना कक्ष है. पूरा मंदिर नीले, लाल और मैरून रंग से सजा है. 

बिना कील ठोके ही पूरी तरह लकड़ी से बने प्रार्थना कक्ष की गहरे नीले रंग की छत स्वर्ग का अहसास देती हैं. इस कक्ष को मेडिटेशन के लिए बेस्ट प्लेस माना गया है.

स्वर्ग मंदिर के जर्जर होने पर साल 1911 में इसके अंदर आम लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई थी. साल 1918 में इसका जीर्णोद्धार पूरा होने पर दोबारा इसे खोला गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साल 2015 के चीन दौरे के दौरान 'द टेंपल ऑफ हेवन' की यात्रा की थी. उन्होंने यहां योग भी किया था. हर साल लाखों लोग इसे देखने के लिए आते हैं.