Feb 5, 2024, 10:20 AM IST

कौन थीं काली मिर्च रानी, जिन्होंने अंग्रेजों को चटा दी थी धूल

Abhishek Shukla

रानी चेन्नाभैरदेवी भारतीय इतिहास की ऐसी वीरांगनाओं में शामिल हैं, जिन्हें लोग अदब से याद करते हैं. वह सालुवा राजवंश की थीं.

रानी चेन्नाभैरदेवी महान योद्धा थीं, उनके अंग्रेज कांपते थे. रानी लक्ष्मीबाई से भी पहले चेन्नाभैरदेवी ने अंग्रेजों से लोहा लिया था. 

16वीं शताब्दी में चेन्नाभैरदेवी उत्तर कन्नड़ जिले पर शासन करती थीं. उन्होंने साल 1552 से लेकर 1606 तक शासन किया था, उनका राज करीब 54 साल तक चला था. 

इस राज्य की राजधानी गेरुसोप्पा थी, यह शहर प्रमुख व्यापार केंद्र और तीर्थ स्थल रहा है. राज्य में काली मिर्च, जायफल और सुपारी का व्यापार होता था.

गोवा से लेकर, उत्तर कन्नड़-दक्षिण कन्नड़ और मालाबार तक, इनका साम्राज्य फैला था. पुर्तगाली अत्याचारों से तंग आकर उनके राज्य में कारीगर और व्यापारी शरण लेते थे. 

पुर्तगालियों ने 1559 और 1570 में दो बार उनके साम्राज्य को हासिल करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे.

रानी को केलाड़ी और बिल्गी गुटों ने हरा दिया. वे बाहरी नहीं, भीतरी दुश्मनों से जंग हारीं.

उन्हें बंदी बना लिया गया, गेरुसोप्पा केलाडी साम्राज्य ने उनके राज्य पर कब्जा कर लिया.

बेहद संप्रभु शासिका ने जीवन का अंत बंदी के तौर पर बिताया.