Oct 25, 2023, 09:15 AM IST

अपने बच्चों को नदी में क्यों विसर्जित कर देती थीं गंगा

DNA WEB DESK

एक बार राजा शांतनु ने मां गंगा को ऋंगार करते हुए देखा, तब वह प्रवाहमान थीं.

राजा शांतनु को मां गंगा से प्रेम हो गया था.

वह स्वर्ग की देवी थीं, उन्होंने जब उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा तो गंगा मां ने एक शर्त रख दी.

उनकी शर्त थी कि उन्हें किसी काम के लिए रोका-टोका नहीं जाएगा.

राजा ने शर्त मान ली. उन्होंने कहा था कि शर्त टूटी तो वह उन्हें छोड़कर देव लोक चली जाएंगी.

गंगा, जब भी मां बनतीं, वे अपने बच्चों को गंगा नदी में प्रवाहित कर देती थीं.

जब भीष्म पैदा हुए तो शांतनु ने टोक दिया और पूछा कि क्यों उन्हें गंगा में प्रवाहित कर रही हैं.

गंगा ने कहा कि अब संतान आपके पास रहेगी और मैं दूर.

गंगा ने कहा था कि ऋषि वशिष्ठ ने आठों वसु को शाप दिया था. वे ही मेरे पुत्र बनकर आए थे. अगर वे रहते तो उन्हें कष्ट भोगना पड़ता. 

शांतनु का वचन टूटा और गंगा देव लोग की ओर प्रस्थान कर गईं.

गंगा ने उन्हें मुक्ति दी. भीष्म रुके रहे तो उन्हें जीवन भर सकंट भोगना पड़ा. उनका अंत दुखदायी हुआ.