फरवरी के महीने में ठंडी हवाओं के साथ रोमांस घुला होता है क्योंकि फरवरी में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है.
इस दिन को लेकर लव बर्ड्स काफी उत्साहित रहते हैं. कई लोग अपनी दिल की बात प्रेमिका को बताते हैं.
इस दिन को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस दिन के लिए 12, 13 या 15 तारीख को छोड़कर 14 तारीख ही क्यों चुनी गई.
माना जाता है कि एक समय संत वैलेंटाइन नाम के एक ईसाई संत थे. वह एक रोमन पुजारी थे. उनके लिए प्रेम ही जीवन था लेकिन रोम के राजा क्लॉडियस को पादरी की ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी.
रोम के राजा का मानना था कि प्रेम और विवाह से पुरूषों की बुद्धि और उनकी शक्ति पर प्रभाव पड़ता है. इस कारण से राजा के राज्य में रहने वाले सैनिक और अधिकारी विवाह नहीं कर सकते थे.
राजा के विरोध के बाद भी संत वैलेंटाइन ने रोम के लोगों को प्रेम और विवाह के प्रति प्रेरित किया ताकि प्यार को बढ़ावा मिल सके.
इस बात से क्रोधित होकर राजा ने पादरी संत वैलंटाइन को '14 फरवरी, 269' ईसा पूर्व में फांसी पर चढ़ा दिया.
उस दिन से हर साल इस दिन को प्यार का दिन यानी वैलेंटाइन डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है.