Oct 10, 2023, 09:14 PM IST

मुस्लिमों, ईसाई और यहूदी के लिए क्यों खास है यरूशलम

Kavita Mishra

फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले के बाद अभी तक दोनों तरफ से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.  

फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे जंग के दौरान यरूशलम की खूब चर्चा हो रही है. आज हम आपको बताएंगे कि यरूशलम मुस्लिमों, ईसाई और यहूदी के लिए खास क्यों है. 

येरूशलम दुनिया के तीन बड़े धर्म यहूदी, ईसाई व इस्लाम के लिए काफी अहम है. तीनों ही धर्मों की धार्मिक भावनाएं इस जगह से जुड़ी हैं इसीलिए यहां पर सभी अपना कब्जा बनाए रखना चाहते हैं. पहले भी इस शहर के लिए कई लड़ाई लड़ी गई है.

ईसाईयों के लिए यह जगह इसलिए काफी अहम है क्योंकि उनका मानना है कि यहां जीसस का का निधन हुआ था और वहीं उनका फिर से जन्म हुआ था.

हिब्रू बाईबिल के अनुसार इस जगह को येरूशलम कहते हैं जबकि अरबी में इसे अल-कद्स कहते हैं, जोकि दुनिया के सबसे पुराने शहर में से एक है. 

यहां पर डोम ऑफ रॉक और अल-अक्सा मस्जिद स्थित हैं. इसे मुसलमानों को हरम अल-शरीफ़ या पवित्र जगह की तरह जाना जाता है.

मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद ने यात्रा के दौरान मक्का से यहां तक का सफ़र तय किया और सभी प्रॉफेट की आत्माओं के साथ प्रार्थना की.

यहूदियों वाले हिस्से में कोटेल या वेस्टर्न वॉल है, ये दीवार पवित्र मंदिर का अवशेष है. यहूदियों का मानना है कि यही वो जगह है जहां आधारशिला रख पूरी दुनिया का निर्माण किया गया था औऱ यही पर अब्राहम ने अपने बेटे आईज़ैक की क़ुर्बानी दी थी.

पूर्वी यरूशलम में ज्यादातर मुस्लिम आबादी है, जबकि पश्चिमी हिस्से में यहूदी आबादी है, जबकि इनके बीचो-बीच यह पवित्र स्थान मौजूद है.